बिहार में सड़कों पर होनेवाले हादसों को रोकने के लिए सरकार ने अब पुख्ता इंतेजाम कर लिया है. बिहार में सबसे अधिक दुर्घटना वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर अब अत्याधुनिक वाहनों से गश्ती (पेट्रोलिंग) होगी. यह वाहन फोरडी स्पीड रडार और कैमरों से लैस होंगे जो आटोमैटिक चालान निर्गत कर सकेंगे. इसके साथ ही आपात स्थिति के लिए वाहन में गैस कटिंग मशीन, ट्रैफिक कोन, फोल्डेबल स्ट्रेचर आदि उपकरण भी होंगे. प्रत्येक 50 किमी पर कैमरे और रडार से लैस वाहन गश्ती करेंगे. नियमों का उल्लंघन करने पर इन वाहनों की मदद से ई-चालान भी काटा जाएगा.
इन चार एनएच का पहले हुआ चयन
पुलिस मुख्यालय से मिली सूचना के अनुसार पहले चरण में सर्वाधिक दुर्घटना वाले चार एनएच का चयन किया गया है. इनमें इनमें समस्तीपुर से होकर गुजरने वाली एनएच-28, एनएच-30, एनएच-31 और एनएच-57 शामिल हैं. इन चार एनएच पर कुल 1125 किमी की दूरी की निगरानी के लिए 23 राजमार्ग गश्ती वाहन लगाए जाएंगे. इन वाहनों को डायल-112 से जोड़ा गया है, जो एनएच पर दुर्घटना होने पर फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाएंगे. इसके अलावा एनएच पर हादसे रोकने के लिए राजमार्ग पेट्रोल योजना के तहत 1560 मानव बल की स्वीकृति भी दी गई है.