मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12578) शुक्रवार रात चेन्नई के पास कावराईपेट्टई रेलवे स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. इस हादसे में लगभग 19 यात्री घायल हो गए. ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर रेलवे ने हाई लेवल जांच के आदेश दे दिए हैं. दुर्घटना रात करीब 8.30 बजे चेन्नई-गुडूर सेक्शन पर पोन्नेरी और कवराईपेट्टई स्टेशनों के बीच हुई, जिससे यात्री ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए.
मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस के पटरी से उतरने का क्या था कारण?
दक्षिणी रेलवे के महाप्रबंधक आरएन सिंह ने ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर जो जानकारी दी है उसके अनुसार, ट्रेन को कावराईपेट्टई में नहीं रुकना था. उसे स्टेशन से होकर गुजरना था. चेन्नई से निकलने के बाद, मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के लिए सिग्नल का ड्राइवर ने सही तरीके से पालन किया. हालांकि, मुख्य लाइन पर जाने के बजाय ट्रेन गलती से लूप लाइन पर चली गई. इसके कारण मालगाड़ी से उसकी टक्कर हो गई. इसके कारणों की जांच की जा रही है.
रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कावरपेट्टई स्टेशन में प्रवेश करते समय ट्रेन चालक दल को जोरदार झटका लगा. दिए गए सिग्नल के अनुसार मुख्य लाइन में जाने के बजाय 75 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही ट्रेन लूप लाइन में चली गई. इसने लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी.
एक्सप्रेस ट्रेन के यात्री विशेष ट्रेन से दरभंगा रवाना
चेन्नई के समीप कावरापेट्टई में बागमती एक्सप्रेस के मालगाड़ी से टकरा जाने के कारण फंसे यात्री शनिवार को एक विशेष ट्रेन से दरभंगा रवाना हो गए. दक्षिणी रेलवे की ओर से यह जानकारी दी गई. रेलवे ने बताया कि ट्रेन संख्या 12578 मैसुरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस 11 अक्टूबर को रात करीब साढ़े आठ बजे एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गयी थी और यात्रियों को बसों से पोन्नेरी और फिर दो ईएमयू विशेष ट्रेन से चेन्नई सेंट्रल ले जाया गया.
रेलवे की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि सभी यात्रियों के पहुंचने के बाद उन्हें दरभंगा जाने वाली विशेष ट्रेन में रवाना किया गया, जो अराक्कोणम, रेनीगुंटा और गुडुर होकर गुजरेगी. यात्रियों को भोजन के पैकेट और पानी उपलब्ध कराया गया और विशेष ट्रेन सुबह चार बजकर 45 मिनट पर रवाना हो गयी. इस बीच, दक्षिणी रेलवे ने इस मार्ग से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का रास्ता बदल दिया है.